Article 370 के दंश से मुक्त हुई 'जन्नत'

ब एक नई सुबह हुई है हिन्दुस्तानी संविधान के इतिहास की....देश के भौगोलिक नक्शे में नई रेखाएं जुड़ी हैं...70 सालों में पहली बार कुछ ऐसा हुआ जिससे भारतवर्ष का इतिहास और भूगोल एक साथ बदल दिया...मुक्त हुआ है देश संविधान में दर्ज उस अनोखे प्रावधान से जिसने भारत मां के ही एक हिस्से को बेगाना सा बना दिया था...जहां ना देश का संविधान लागू होता था और न सुप्रीम कोर्ट की शर्तें...जहां न तिरंगा फहरा सकता था, न कोई हिन्दुस्तानी बस सकता था...जहां भारत मां की जयकार करना लोगों के लिए नासूर बन जाता था...जहां न देश के लिए कोई अदब थी, न ही अपनेपन की खुशबू...वो हमारा ही टुकड़ा था फिर भी बेगाना था...देश का ही प्रदेश था लेकिन अफसोस अपना कुछ ना शेष था...

                              हमेशा की तरह वो भी एक साधारण रात थी, अनुच्छेद 370 वाले जम्मू-कश्मीर में... घाटी में दूर-दूर तक पसरे रात के सन्नाटे को पाकिस्तान की कायराना हरकतें रह-रह कर तोड़ रही थीं... ज्यादातर इलाकों में भारी फोर्स की तैनाती थी.... और हर घर के अंदर हमेशा की तरह सोती हुई एक मुरझाई रात...लेकिन शायद उस रात को ये पता न था कि आने वाली सुबह, कश्मीर की हर सुबह के साथ-साथ हर रात को भी रोशन कर देगी....क्या पता था कि जमीन पर जन्नत की हवा जो अब तक बेगानी होकर बह रही थी अगली सुबह से वो भी अपनेपन की खुशबू लेकर लहराएगी,,,,,

                           आखिरकार काली रात छंटी और देश की सबसे बड़ी पंचायत के दरवाजे खुले....फिर कुछ देर बाद जो शब्द देश को सुनाई पड़े उन्होंने करोड़ों भारतीयों के कानों में अमृत घोल दिया... तोड़ दिया हर उस बेड़ी को जो हमारी 'जन्नत' को हमारा होने से ही रोक रही थी... जैसे ही गृहमंत्री ने अनुच्छेद 370 के खंड 1 के अलावा बाकी खंडों को हटाने और जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया, 70 सालों से इस पल का इंतजार कर रहे देशवासियों की आंखें चमक उठीं... पूरे दिन इस प्रस्ताव पर सदन में बहस हुई और आखिर में 125 और 61 मतों से ये बिल उच्च सदन में पारित हो गया.... इसमें 125 मत बिल के समर्थन में तो 61 मत बिल में विरोध में पड़े.... इसी तरह अगले दिन लोकसभा से भी ये विधेयक पास हो गया और जम्मू-कश्मीर को 370 से आज़दी मिल गई.... जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के जरिए जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटते हुए दोनों भागों को केंद्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला हुआ... पहला केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख.... जम्मू-कश्मीर को दिल्ली की तरह विधानसभा वाला केद्रशासित प्रदेश तो लद्दाख को बिना विधानसभा वाला UT बनाने पर मुहर लगा दी गई.... और इसी के साथ लंबे समय से लद्दाख को अलग करने की लोगों की मांग भी पूरी हो गई...!

Avneesh Mishra

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