बेहद गंभीर और विचारपूर्ण है कि देश का सबसे बड़ा प्रदेश कई तरह की
समस्याओं से गुजर रहा है... गंभीर इसलिए कि जिस प्रकार से हमारे नए प्रधानमंत्री
भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देख रहे है... वो बिना यूपी के सुधरे
साकार होने से रहा... और प्रदेश की परिस्थियां देख कर नहीं लगता कि सूबे की सरकार
प्रदेश को सुधारने का जोखिम उठाएगी.... दबंगई और गुंडागर्दी तो मानों प्रदेश की
दिनचर्या में शामिल हो गई है... और हों भी क्यों न सूबे में सपा की सरकार जो है...
एक सरकार जिससे गुंडागर्दी की परिभाषा को एक नया नजरिया मिलता है.... सत्ताधारी
नेता या फिर पार्टी के कार्यकर्ता भी स्वयं को जनता का पालनहार समझ बैठे हैं....
शायद इसीलिए इन्हे न तो प्रशासन का डर है और न ही आम और गरीब जनता की बद्दुआओं
का... आखिर इनके आका जो बैठे हैं सूबे की राजनीति के मखमली गद्दे पर.... कहने को
तो सूबे की सरकार ने चुनाव से पहले या बाद लंबे चौड़े वादे जनता की हिफाजत के किये
थे.... लेकिन हकीकत समझने के लिए दिनों दिन हो रहीं रेप, गैंगरेप, फायरिंग, लूटपाट,
मारपीट और तमाम तरह की दहशत भरी घटनाएं काफी हैं... हद तो आखिर तब हो रही है जब अब आए दिन अस्पताल
भी इस तरह की घटनाओं के घेरे में आ रहे हैं... अस्पतालों में फायरिंग, लूटपाट और
रेप जैसे शर्मनाक कृत्य होने लगे हैं... जहां व्यक्ति अपने दर्द अपने मर्ज और अपनी
मौत से लड़ने जाता है क्या पता कब किस वक्त वहीं पर वो मौत का निवाला बन जाए....
बेहद गंभीर विषय है..बेहद गंभीर.........
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