अब वक्त है बदलाव का





अद्द्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय...  आखिर लोकतंत्र की जीत में ये तीनों ही विस्मयादिबोधक शब्द शामिल हो गए। 16वीं लोकसभा के निर्माण में जारी हुआ जनादेश चौंकाने वाला रहा। चुनावी परिणामों में भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटें हासिल करके न सिर्फ पहली बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई बल्कि पार्टी के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण वक्त अंकित कर दिया। बीजेपी के गठबंधन एनडीए ने 334 सीटें हासिल करके इतिहास रच दिया। इस बार के लोकसभा चुनाव में मोदी की लहर में डुबकियां लगा कर बीजेपी ने न सिर्फ अपनी डूबती राजनीति को बचाया बल्कि विपक्षियों के मुंह पर एक जोरदार तमाचा लगाया।  इस बार के चुनाव में जनता ने प्रत्याशियों को नहीं बल्कि पार्टी को वोट दिया और वो भी मोदी के नाम पर। ये मोदी के नाम का ही असर है जो पहली बार देश के युवा राजनीति में जोरदार दिलचस्पी दिखा रहे हैं। शुरूआत में मोदी के नाम से शुरू होकर राजनीतिक गलियारों में जो हलचल मची थी, वो देखते ही देखते सुनामी में बदल गई। एक ऐसी सुनामी जिसके फेर में पड़ कर  सभी दल तबाह हो गए। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेेस का तो 20 राज्यों से बिल्कुल सफाया ही हो गया तो वहीं देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में प्रभुत्वशाली सपा और बसपा की जड़ेें हिल गईं। सपा सिर्फ अपने गढ़ोंं में इज्जत बचा पाई और सिर्फ 5 सीटें हासिल कर पाई तो बसपा का राजनीतिक भविष्य अंधेरे में ही पड़ गयाू। किसी जमाने में दलित-ब्राम्हण समीकरण से यूपी में भरपूर चमक पैदा करने वाली मायावती की इस पार्टी का तो सूपड़ा ही साफ हो गया।  एक भी सीट नहीं मिली इस पार्टी को।
              फिलहाल इस बार के जनादेश से एक बात तो साफ है कि देश की जनता ने देश की राजनीति को बदल डालने का फैसला कर लिया है। कांग्रेस की हुई दुर्गति से साफ है कि जनता किस कदर त्रस्त हो चुकी थी।  अब वक्त है बदलाव का। वक्त है देश की तरक्की का। देश की हर आंख लगी हुई हैं नरेंद्र मोदी जी पर।  अच्छे दिन आने वाले हैैं......

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