वाह रे समाजवाद!!

वाह रे समाजवाद!... वाह रे लोहियावाद!... वाह रे समाजवादी पार्टी!....क्या खूब कही नेताजी ने!  सैफई में फिल्मी तारिकाओं के ठुमकों पर नजरें नचाने वाले समाजवादियों की जुबान भी नाचने लगी। आखिर मुलायम सिंह यादव ने दे ही दी समाजवाद की असली परिभाषा। बेटियों की बोटियां नोचने वाले दरिंदों को समाजवाद का रखवाला बना दिया!  हैरान होने की आवश्यकता नहीं है, मुद्दा है मुलायम का शर्मनाक बयान। मुरादाबाद में एक जनसभा में  पार्टी मुखिया मुलायम सिंह ने बलात्कार के आरोपी को फांसी की सजा को गलत ठहराया। इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह रही कि नेताजी ने कह डाला कि लड़कों से गलती हो जाती है और इस गलती की वजह से उसे फांसी नही दी जानी चाहिए।   आखिर  क्या यही है समाजवाद का असली रूप या फिर हैं ये सियासी बोल? क्या समाजवादी नेताओं की नज़र में  महिलाओं की अस्मत का मूल्य नहीं है?  अरे समाजवादियों  महिलाओं की अस्मत घर में रखा कोई मिट्टी का खिलौना नहीं हैं जिसे कोई बच्चा तोड़ दे तो उसे एक गलती मान लिया जाए।  महिलाओं की अस्मत की बोटी नोचने वाले दरिंदों की दरिंदगी को गलती का नाम दे दिया। वाह नेताजी वाह।   मुलायम के इस शर्मनाक बयान से तो लगता है कि नेताजी ने बलात्कारियों के वोटों को हजम करने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर रखी है। सियासी महासमर में मुलायम के इस बलात्कारी बयान ने खलबली मचा दी। मुझे भी अब समझ में आ रहा है कि क्यों यूपी विकास की राह देख रहा है। जब सत्तापक्ष के मुखिया ही इस तरह के बयान देने में लिप्त हैं तो आप समझ सकते हैं कि इनकी सोच किस हद की होगी। क्या यही है समाजवादियों की सोच? क्या इसी सोच के साथ प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा होगी? क्या बलात्कार जैसे घिनौने अपराध को मात्र एक गलती मान लिया जाएगा? ऐसे कई सवाल हैं समाजवादियों!!!!!

No comments:

Post a Comment