कौन सी ताकत???

इंसान को प्रकृति की सबसे ताकतवर और बुद्धिमान देन के रूप में देखा जाता है. समझने-बूझने की जो शक्ति मनुष्य को हासिल हुई है उसका अन्य जीव-जंतुओं में कोई सानी नहीं है. वह जो चाहता है हासिल कर सकता है, जैसा चाहता है वैसा जी सकता है. इतना ही नहीं अन्य जीव-जंतुओं को अपने इशारे पर भी नचा सकता है… लेकिन कोई है जिसके सामने उसकी एक नहीं चलती. वह दुनिया को अपने इशारे पर नचाता है लेकिन उसकी मौत ऐसे भी हो सकती है इसका अंदाजा शायद उसे कभी नहीं होता.

crocodileअचानक उसे निगल लिया जाता है, उसे तो पता भी नहीं चलता कि कब वह मौत की नींद सो गया. उसकी मौत का जिम्मेदार बना वो जो हर समय उसके जैसे ही शिकार का इंतजार करता है. सांप, एक ऐसा जीव है जिसे अपने सामने देखकर अच्छे से अच्छा व्यक्ति कांपने लगे सोचिए जब विशालकाय सांप आपको जीने की चुनौती देते हुए आपके सामने आकर बैठ जाए तो आप क्या करेंगे? आप अपनी जान बचाने के लिए भागेंगे लेकिन वह अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए आपका पीछा करता रहेगा और तब तक आपको नहीं छोड़ेगा जब तक वह आपको जीवित निगल ना जाए.इसे प्रकृति की देन कह सकते हैं कि कैसे एक सांप अपने से कहीं ज्यादा विशाल शरीर और ताकत वाले अन्य जीव को जिन्दा निगल जाता है. अपने शिकार को घंटों अपनी अभेद्य जकड़ में कैद रखने के बाद वह उसे निगल जाता है. कुछ लोग रेंगने वाले इन जीवों की इस विशेषता को पारलौकिक ताकत से भी जोड़कर देखते हैं. ऐसे लोगों का कहना है कि किसी जीते-जागते व्यक्ति या जीव को जिन्दा निगल लेना सामान्य बात नहीं है और सांपों की यह खूबी उनके लिए एक वरदान है लेकिन अपनी ताकत से कई गुणा ज्यादा ताकत और विशालकाय शरीर वाले जिन जीवों को वो अपना शिकार बनाते हैं उनके लिए यह एक ऐसा भय है जो कब उनके सामने आकर खड़ा हो जाएगा शायद किसी को पता भी नहीं चलेगा.

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