गोविन्दपुरी ओवर ब्रिज- दक्षिण कानपुर को शहर से जोड़ता यह पुल अब अपनी बदहाली का रोना रो रहा है। 60 से अधिक बसंत देख चुके इस पुल की हालत अब पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। रोज लगभग 2 लाख से ज्यादा वाहनों का बोझ सहने वाला पुल अब मुक्ति की मांग कर रहा है। अपना बचपन, जवानी और अब बुढ़ापा देख रहे इस सेतु को अब आराम की ज़रूरत है। लेकिन अब सवाल उठता है कि आराम दे कौन?? शासन के नुमाइंदे तो शायद इसकी मायूसी देख नही पा रहे हैं। अब कई सालों की सियासी गर्मी की तपन के बाद इसी पुल के समानान्तर नए पुल की शुरुआत हो चुकी है।..... अब शुरुआत तो हो चुकी है, लेकिन यह शुरूआत अपने साथ लेकर आई है भीषण जाम की सौगात!!!
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