चंदौली: लोगों के अन्धविश्वास की कहानी कह रहा सर्प

रुपहले पर्दे और कहानियों में आपने नाग-नागिन और देवी देवताओं की तमाम कथायें देखी और सुनी होंगी। लेकिन उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक पुराना सर्प चर्चा का विषय बना हुआ है। आस्था को छलते हुए कुछ लोग इसे कलयुग के देवता के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि नाग देवता लोगों के कष्ट हरने के लिए रोज दर्शन दे रहें हैं और हजारों की संख्या में लोग अंधविश्वास की इस बहती नदी में डुबकी लगानें पहुँच रहे हैं।

दरअसल बीते एक महीने से एक सर्प रोज चंदौली के सकलडीहा इलाके के एक बांस के पेड़ की जड़ से निकलता है और धूप सेंक कर वापस बिल में चला जाता है। इनके दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग यहाँ पहुच रहे हैं। इस मामले को इस तरह से प्रचारित किया जा रहा है कि यहाँ आकर इनके दर्शन कर मन्नत मांग ले तो मन्नत पूरी हो जायेगी। हद तो तब हो गयी जब कुछ लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि इस कलयुग के भगवान सर्प रूप में प्रकट हुआ है।

लाके के नईबाजार गावं के समीप स्थित ज़मीन के मालिक ने इस सर्प को देखा था। लगभग एक महीने से रोज निश्चित समय पर कथित रूप से ये सर्प देवता बाहर निकलते हैं और शाम तक बांस का यह पेड़ इनका सिंघासन होता है  फिर क्या था आस्था को देखने की पूरी व्यवस्था कर दी गयी। बाकायदा इस जगह को फूलमाला और भगवान के पोस्टरों से पाट दिया गया।  चढ़ावे की भी माकूल व्यवस्था की गयी। हजारों की संख्या में पहुच रहे भक्त रोज चढ़ावा चढ़ा रहे है तो भजन कीर्तन कर पूरा माहौल बनाया जा रहा है। दूर-दूर से महिलायें बच्चे और बूढ़े सभी नाग देवता के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। आस्था कब अंधविश्वास में बदल जाती है इसका उदाहरण यहाँ साफतौर पर देखा जा सकता है। यहाँ पहुंच रहे लोग सब अपनी अपनी कहानी बता रहे है और अपनी अपनी जुबानी सुना रहे है।
            जंगलो और खेत खलीहानो में आमतौर पर सर्प पेड़ पर अपना आशियाना बना कर रहता है । ठण्ड के दिनों में सारे सरीसृप धूप सेकने के लिए अपने घरो से बहार निकलते है और धूप सेकते है । लेकिन थोड़े फायदे के लिए कुछ लोग आम लोगो की भावनाओ को छल रहे है । दादी और नानी की कहानियो से शुरू हुई सर्प लीला वास्तविक रूप में बाजार में बेचीं जा रही है । गावो की जनता से लेकर पढ़े लिखे सभी आस्था में अंधे हुए है या अंधविश्वास के चलते जहरीले सर्प को भगवान् बनाया जा रहा है । ये बड़ा सवाल हम सब के सामने है 

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