आखिर उस इंसान को वह सम्मान मिल ही गया जिसके वह काबिल था। यहां "उस इंसान" से मेरा आशय उस व्यक्ति से है जिसे हमारे देश में "क्रिकेट का भगवान" कह कर पुकारा जाता है और "वह सम्मान" से आशय देश के सर्वोच्च सम्मान "भारत रत्न" से है। सचिन तेंदुलकर नाम के इस व्यक्ति ने न सिर्फ अपने क्रिकेट से अपनी अमिट छाप छोड़ी बल्कि एक सरल स्वभाव के व्यक्ति और एक आदर्श नागरिक के रूप में लोगों के दिलों में बस गया है। अपने 24 साल के क्रिकेट कैरियर में सचिन ने अपने छोटे कद और एक बल्ले से दुनियां की सारी पिचों को नाप डाला। वो जिस देश की ज़मीन पर गए वहां नए कीर्तिमान स्थापित करके आए है। कुछ ऐसे कीर्तिमान जिन्हें तोड़ पाना या भूल पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इन सबसे बड़ी बात यह है कि इतनी शोहरत और रुतबा अर्जित करने के बावजूद भी उन पर घमंड नाम की वह बुरी भावना जो अक्सर सफल व्यक्तियों में देखने को मिल जाती है, उन पर हावी नही हो पायी। आज भी वह एक हसमुख एवं आदर्श स्वभाव के व्यक्ति बने हुए हैं। इसलिए सचिन को मेरा सलाम!
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